👉खंड विकास अधिकारी विवेक सिंह ने सरकार को धोखा देकर ग्राम पंचायत से धन उतारने वाले के खिलाफ जाँच मे आरोप साबित होने के बावजूद नहीं कराई एफ आई आर, जारी किया धन वसूली का आदेश।
👉 जाँच मे आरोप साबित होने के बाद पहले प्रथमिकी दर्ज करानी चाहिए थी, लेकिन ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के बचाव मे खंड विकास अधिकारी द्वारा स्वलाभ लेकर दर्ज नहीं कराई गईं एफ आई आर।
मऊ। विकास खंड रतनपुरा के खंड विकास अधिकारी, विवेक सिंह ने भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देते हुए खुद की ईमानदारी को दिखाने मे खुद के द्वारा भ्र्ष्टाचार मे लिप्त होने के प्रमाण का खुलासा किये जाने की खबर हैं। खंड विकास अधिकारी ने ग्राम प्रधान और सचिव से मिलकर पहले सरकार को धोखा देकर सरकारी धन उतरवाया फिर शिकायत के बद उसी धन की वसूली की, जबकि खंड विकास अधिकारी को जाँच के बाद आरोप साबित होने के बाद नियमानुसार एफ आई आर दर्ज करानी चाहिए थी लेकिन खंड विकास अधिकारी ने जानबूझकर स्वःहित मे ग्राम प्रधान और सचिव को बचाने के लिए नियमानुसार कार्यवाही नहीं की गईं।

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खंड विकास अधिकारी सचिवों के द्वारा पदीय अधिकारों का दुरूपयोग कर किये गए अनियमित भुगतान पर शिकायत के बाद जानबूझकर बिना प्रथमिकी दर्ज कराये वसूली की कार्यवाही कर, अनियमित भुगतान को लेने वाले को मुकदमे से बचाने के नाम पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करतें हुए केवल बसूली की कार्यवाही की जाती हैं।

अइलख के गीतेश मौर्य के साथ भी खंड विकास अधिकारी विवेक सिंह के द्वारा वसूली की ही कार्यवाही की गईं जो खुद खंड विकास अधिकारी के भ्रष्टाचार मे शामिल होने का प्रमाण हैं।
मजे की बात तों यह हैं कि गीतेश मौर्य के द्वारा धन को जमा करने के बावजूद खंड विकास अधिकारी के द्वारा मामले मे एफ़ आई आर जानबूझकर दर्ज नहीं कराई गईं ज़ब की सरकार को धोखा देते हुए एक साजिस के तहत ग्राम प्रधान और सचिव द्वारा गीतेश मौर्य को वर्ष 20-12-2024 से 13-1-2025 तक केंद्रीय होमगार्ड्स प्रशिक्षण सस्थान लखनऊ मे प्रशिक्षण लेते हुए ग्राम पंचायत अइलख के ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के द्वारा तैयार मसट्रोल आदि के अनुसार दिनांक 10-12-2025 को वाउचर संख्या xvfc/2024-25/P/65 के माध्यम कुल 25 दिन 5925 रूपये उतरवाने आरोप साबित होने के बावजूद खंड विकास अधिकारी ने जानबूझकर ग्राम प्रधान और सचिव आदि को बचाने के लिए गीतेश से वसूली की कार्यवाही की गईं । गांव से पड़ी शिकायत के बाद खंड विकास अधिकारी के द्वारा इस मामले मे जांचोपरान्त ग्राम प्रधान और सचिव के माध्यम से आहरित धन की वसूली का आदेश जारी किया गया।
खंड विकास अधिकारी ने सवाल कर पर काट दिया फोन
विकास खंड रतनपुरा के खंड विकास अधिकारी विवेक सिंह से ज़ब गबन के आरोप को जाँच मे सिद्ध होने के बाद कौन सी कार्यवाही होनी चाहिए? का सवाल किया गया तों वे कुछ देर तक चुप रहे फिर फोन काट दिया, दुबारा फोन करने पर हेलो – हेलो कर फोन कट दिया जाता रहा। फर्स्ट इनफार्मेशन्स को खंड विकास अधिकारी के जबाब का इंतज़ार हैं। सचिव ने कहा अधिकारी जो तय करेंगे वही होंगी कार्यवाही।