मऊ(एफ आई नेटवर्क)। जिले के ग्राम पंचायत पिढउत सिंहपुर के ग्राम सचिव द्वारा गांव की महिला ग्राम प्रधान को उनके पूरे कार्यकाल डोंगल नहीं दिया गया और ग्राम पंचायत मे बिना काम कराये सरकार के करोङो को बिना ग्राम प्रधान की साहमति के उतारने की खबर है । ग्राम प्रधान ने ज़ब शपथ पत्र देकर मामले से जिले के आला अधिकारियो को अवगत कराया तों अधिकारियो ने ग्राम पंचायत के खाते को सीज कर सचिव के बचाव मे जाँच के नाम पर समय काटने की साजिस मे पदीय अधिकारों के दुरूपयोग मे जुट गए है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार बीते 22/8/2025 को ग्राम पंचायत पिढउत सिंहपुर की महिला ग्राम प्रधान ने अपने गांव के सचिव के द्वारा पदीय अधिकारों की आड़ मे, की गईं मनमानी का खुलासा करतें हुए सचिव पर ग्राम प्रधान के डोंगल से (ग्राम प्रधान को विभाग से चुनाव के बाद 4 सितम्बर 2025 को डोंगल दिया गया ) गांव मे बिना बिकास कार्य कराये सरकार के करोङो रूपये को डकारने का आरोप लगा कर एक शपथ पत्र दिया गया।

करीब एक महीने तक से जिला पंचायतराज अधिकारी के द्वारा मामले को दबाए रखा गया, यही नहीं इसी क्रम मे ग्राम प्रधान को जेल तक भेजनें की साजिसो मे धमकिया तक दी गईं। बीते सोमवार को ग्राम प्रधान को जिला पंचायतराज अधिकारी के कार्यालय मे बयान देने के बहाने बुलाया गया था। जबकि शिकायत शपथ पत्र के माध्यम से कि गईं थी।
सूत्रों पर यकीन करें तों जिला पंचायतराज अधिकारी इस मामले मे जाँच के नाम पर सचिव के बचाव मे पदीय अधिकारों का दुरूपयोग करते नजर आ रहे है। ग्राम प्रधान के चुनाव के बाद सचिव द्वारा ग्राम प्रधान को डोंगल क्यों नहीं दिया गया, और किन स्थितियों मे सचिव बिना ग्राम प्रधान की साहमति से गांव मे बिना बिकास कराये धन उतारता गया है? यह जाँच मे ही खुलने की लोग उम्मीद लगा रहे है लेकिन जाँच के नाम पर समय को जानबूझकर ब्यतीत किया जाना जिला पंचायतराज अधिकारी और शीर्ष नेताओं की साजिस मे धरातल पर उतरते देखा जा रहा है।
शिकायत के बाद ग्राम सचिव के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं किया जाना भी शीर्ष जाँच अधिकारियो की साजिस के रूप मे देखा जा रहा है। बह्रहाल शपथ पत्र के माध्यम से ग्राम प्रधान द्वारा दी गईं शिकायत के बावजूद जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा दुबारा ब्यान का सपथ पत्र ले लिया गया है, अब जाँच कितने दिन मे पूरी होती है? लोगो को जाँच आंख्या का इंतज़ार है।